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*कविता का बाजारीकरण हो पर बाजारूपन न हो-कवि डॉ.कीर्ति काले

बलराम श्रीवास्तव के आवास पर कवियों ने की पत्रकार वार्ता*

  1. *कविता का बाजारीकरण हो बाजाररूपण न हो-कवि डॉ.कीर्ति काले*

 

*बलराम त्रिवेदी के आवास पर सत्यनारायण की बातचीत*

रिपोर्ट: मनोज कुमार शर्मा

 

मित्र.किशनी.शनिवार को एटा नुमाइश में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश की अग्रणी कवयित्री डॉ.कीर्ति काले और प्रकाश पटैरिया के राष्ट्रीय कवि बलराम शिवाजी के आवास पर शामिल हुए।

 

दिल्ली से आयें कवियित्री डॉ. कीर्ति काले ने कहा कि उन्होंने एटा में कवि सम्मेलन का संचालन आयोजित किया था। वर्तमान में कविता और साहित्य के बाजारीकरण पर उन्होंने कहा कि कविता का बाजारीकरण खराब नहीं है और बाजारूपन की मान्यता नहीं है। वहां पर बाजार में होने वाली प्रतिभा को महसूस करना अनिवार्य हो जाता है लेकिन बाजार की कंपनियों को आकर्षित करते हुए खुद को शुद्ध रखना भी जरूरी है। है। वाले मां वाणी के पुत्र नहीं होते।आगामी पांच मार्च को बागेश्वर धाम में कवि सम्मेलन का आयोजन है जिसमें बलराम श्रीवास्तव और कीर्ति काले के साथ देश के प्रसिद्ध काव्य काव्य पाठ होंगे। मौसाय पर श्याम ग्रैविथ,शशि ग्रैविथ मौजूद रहे।

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